Tuesday, June 20, 2017

जब बस्तर हाई स्कूल में जलाया गया यूनियन जैक (बस्तर: अनकही-अनजानी कहानियाँ, भाग - 2)



जगदलपुर बस्तर रियासत की एक जागृत राजधानी थी तथा यहाँ तत्कालीन क्रांतिकारी गतिविधियों एवं ब्रिटिश खिलाफत के आंदोलन का नेतृत्व श्री पी. सी नायडू कर रहे थे। स्वतंत्रता सेनानी श्री नायडू की एक सोडा फैक्ट्री थी जो क्रांतिकारियों का सम्मिलन स्थल तथा रणनीति बनाने का अड्डा बनी हुई थी। उनके नेतृत्व में अंग्रेजों भारत छोड़ो के स्वर को मुखर करने की योजना तैयार हुई। भारत की इस उपेक्षिततम रियासत की आवाज़ को सहजता से नहीं सुना जा सकता था तथा जिन्दाबाद-मुर्दाबाद के नारे सागवान की दरख्तों द्वारा ही सोख लिये जाते ऐसे में क्रांतिकारियों ने बहरों को सुनाने और अपनी उपस्थिति सही प्रकार से महसूस कराने की योजना पर कार्य आरंभ किया। स्वतंत्रता आन्दोलन की भीतर अलख जलाने मोहसिन नाम का एक उत्साही युवक इस कार्य के लिये चुना गया। बस्तर के तत्कालीन एक मात्र हाई-स्कूल के मैदान में यूनियन जैक फहराया जाता था। मोहसिन ने दुस्साहस पूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए यूनियन जैक को फ्लैग-पोस्ट सहित जला कर राख कर दिया था। बस्तर अंचल में पहली बार अंग्रेजों भारत छोड़ो के तीव्र और स्पष्ट स्वर ने आकार लिया था। निश्चित ही विरोध की अनेकों ऐसी घटनायें रही होंगी लेकिन उनका दस्तावेजीकरण अंग्रेजों ने हर्गिज नहीं होने दिया। बाद में श्री सी पी नायडू के भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस के साथ जुड़ कर स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने की जानकारी मिलती है।

- राजीव रंजन प्रसाद 



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1 comment:

Unknown said...

रंजन जी आपकी जानकारी बहुत ही दुर्लभ है इस जानकारी के लिए मैं आप का सदैव आभारी रहुगा
रूद्र नारायण पानीग्राही
ग्राम आसना