बांध कर न रखा करो ज़ुल्फें अपनी
नदी पर का बाँध ढहता है
तबाही मचा देता है
एसा ही होता है
जब तुम
एकाएक झटकती हो खोल कर ज़ुल्फें..
*** राजीव रंजन प्रसाद
....और जुल्फें खोल दी तो बदरी छा जाएगी...फिर हो जाए इस पर भी...सुंदर...अति उत्तम।।।।
विलक्षण शब्द प्रयोग...वाह...नीरज
बांध कर न रखा करो ज़ुल्फें अपनीनदी पर का बाँध ढहता है" great imagination of words, wonderful"Regards
kamaal hai rajeev jee
Sunder aapne shandon ka chayan khoob kiya hai
rajeev ji namaskar mere cartoons par tippani ke liye dhanyawad apki tippani mujhe behtar kam karne ki aseem oorja pradan karti hain please continue giving your valuable comments
उम्दा, क्या बात है!
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7 comments:
....और जुल्फें खोल दी तो बदरी छा जाएगी...
फिर हो जाए इस पर भी...
सुंदर...अति उत्तम।।।।
विलक्षण शब्द प्रयोग...वाह...
नीरज
बांध कर न रखा करो ज़ुल्फें अपनी
नदी पर का बाँध ढहता है
" great imagination of words, wonderful"
Regards
kamaal hai rajeev jee
Sunder aapne shandon ka chayan khoob kiya hai
rajeev ji namaskar mere cartoons par tippani ke liye dhanyawad apki tippani mujhe behtar kam karne ki aseem oorja pradan karti hain please continue giving your valuable comments
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