tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post7919094855703653858..comments2024-02-28T14:12:54.227+05:30Comments on सफर - राजीव रंजन प्रसाद: या मुरली मुरलीधर की, अधरा न धरी, अधरा न धरौंगी..राजीव रंजन प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-4363165490286541932008-05-09T01:00:00.000+05:302008-05-09T01:00:00.000+05:30एक अलग टेस्ट की अद्भुत रचना. बहुत उम्दा है. बधाई.-...एक अलग टेस्ट की अद्भुत रचना. बहुत उम्दा है. बधाई.<BR/><BR/><BR/>------------------------<BR/><BR/>आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.<BR/><BR/>एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.<BR/><BR/>शुभकामनाऐं.<BR/><BR/>-समीर लाल<BR/>(उड़न तश्तरी)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-30025944862993327002008-05-08T17:28:00.000+05:302008-05-08T17:28:00.000+05:30राजीव जीअति सुन्दर खूबसूरत । मज़ा आगया पढ़कर। पूरे ...राजीव जी<BR/>अति सुन्दर खूबसूरत । मज़ा आगया पढ़कर। पूरे भावावेग में लिखी गई रचना है। आपने बहुत कुछ जीवन्त कर दिया। इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए हृदय से बधाई।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-47300427369942689452008-05-08T15:28:00.000+05:302008-05-08T15:28:00.000+05:30बहुत उमदा रचना है. बहुत गम्भीर मुद्दे पर गमभीर शब्...बहुत उमदा रचना है. बहुत गम्भीर मुद्दे पर गमभीर शब्दों में आपने रचना लिखी. जिस भाव में लिखी वह भी बहुत गम्भीर है. <BR/><BR/>नारी नारी चीख चीख कर संसद में बंदर नें बाँटा<BR/>इसकी सीटें, उसकी सीटें, मेरा तराजू उसका काँटा<BR/>एक विधेयक, सदियों लटके, चौराहे पर रोता पाया<BR/>नारी के हक की बातों को, नारी के जायों ने खाया<BR/><BR/>वास्तव मैं समाज बस बढ रहा है. बह रहा है एक परवाह में स्त्री के विकास के नाम पर उसकी इज्जत मान और उसके प्रती सम्मान कम ही हुआ है. देखा जाये तो स्त्री के साथ छल का दूसरा दौर शुरू हुआ है इन दिनों. रिजर्वेशन के ड्रामे का अंत क्या होगा ये भी सब देखेंगे. खैर आपकी रच्ना एक संवेद्ना को झकझोरने वाली रचना है.योगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-50393469561054960332008-05-08T15:09:00.000+05:302008-05-08T15:09:00.000+05:30kya baat haibahut sunder rachnakya baat hai<BR/><BR/>bahut sunder rachnaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-29977632095788251712008-05-08T11:17:00.000+05:302008-05-08T11:17:00.000+05:30Ahhha या मुरली मुरलीधर की, अधरा न धरी अधरा न धरौंग...Ahhha या मुरली मुरलीधर की, अधरा न धरी अधरा न धरौंगी। Good36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.com