tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post6499669431723026061..comments2024-02-28T14:12:54.227+05:30Comments on सफर - राजीव रंजन प्रसाद: एक संवाद सूरज से..राजीव रंजन प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-87685657301973913742007-03-26T16:43:00.000+05:302007-03-26T16:43:00.000+05:30राजीवजी आपकी प्रत्येक कविता भावपूर्ण होती है, आपका...राजीवजी आपकी प्रत्येक कविता भावपूर्ण होती है, आपका शब्द-संयोजन भी कमाल का होता है।<BR/><BR/><B>तो सूरज ने मुझको हिकारत से देखा<BR/>आँखें दबा कर शरारत से देखा</B><BR/><BR/>भावपूर्ण गुदगुदाने वाली पंक्तियाँ.<BR/><BR/>बधाई!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-69571087425539225062007-03-26T16:27:00.000+05:302007-03-26T16:27:00.000+05:30गजब की भावनाएं, इतने सुंदर शब्दों मे उकेरने वालेभा...गजब की भावनाएं, इतने सुंदर शब्दों मे उकेरने वाले<BR/>भाई राजीव रंजन जी को मेरी हार्दिक बधाई. <BR/><BR/>ये उजले सवरे उन्हें ही मिलेंगे<BR/>जो आंखों को मन की खोला करेंगे<BR/>यादों की पट्टी पलक से हटाओ<BR/>कसक के सभी द्वार खोलो<BR/>खुली स्वास लो तुम<BR/>अपने ही में गुम<BR/>न रह कर उठो तुम<BR/>तो देखो हरएक फूल में<BR/>वो है तुमनें<BR/>पलक मूंद कर जिसको<BR/>मोती बनाया<BR/>नई मंज़िलों को तलाशो तो भाई<BR/>कई भोर बीते, सुबह न आई..<BR/><BR/>बहुत सुंदर भावों और आशय की कविता है मित्र. <BR/>आप उद्देश्यपरक रचनाएं लिखते है.<BR/>मुझे बहुत आच्छी लगी.योगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-63068317822456246082007-03-26T16:00:00.000+05:302007-03-26T16:00:00.000+05:30सुन्दर शब्दमाला से सजी आशावादी कविता...जिसे पढने क...सुन्दर शब्दमाला से सजी आशावादी कविता...जिसे पढने का मजा ही कुछ और हैMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.com