tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post1224947733714808578..comments2024-02-28T14:12:54.227+05:30Comments on सफर - राजीव रंजन प्रसाद: कुछ टूट गया है...राजीव रंजन प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-66734557350941126212007-07-05T10:10:00.000+05:302007-07-05T10:10:00.000+05:30अनुपमा जी की तरह मैं कोई गुस्ताखी न करूँगा, अपनी प...अनुपमा जी की तरह मैं कोई गुस्ताखी न करूँगा, अपनी पसंदीदा पंक्तियाँ चुनने की(अनुपमा जी से माफी मांगते हुए) ।मुझे तो सारी हीं रचना बहुत पसंद आई है। दिल के अंदर हरेक शब्द उतर गए हैं।<BR/>बधाई स्वीकारें।विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-85005402359474941142007-07-02T15:20:00.000+05:302007-07-02T15:20:00.000+05:30सागर न समाओगे कि कुछ टूट गया हैजीता ही जलाओगे कि क...सागर न समाओगे कि कुछ टूट गया है<BR/>जीता ही जलाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>हँस हँस के किसी कोर के अश्कों को रौंद कर<BR/>क्या क्या न बताओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>अपनी तलाश में कि जो तुम चाँद तक गये<BR/>क्या लौट भी पाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>चेहरे पे नया चेहरा लिये मिल जो गया वो<BR/>क्या हाँथ मिलाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>हर ओर पीठ पीठ है "राजीव" भीड में<BR/>क्या साथ निभाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>yah sab lines aachi lagi :DAnupamahttps://www.blogger.com/profile/12917377161456641316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-30171698580530838942007-06-26T17:21:00.000+05:302007-06-26T17:21:00.000+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति है राजीव जी...अपनी तलाश में कि ज...सुन्दर अभिव्यक्ति है राजीव जी...<BR/><BR/>अपनी तलाश में कि जो तुम चाँद तक गये<BR/>क्या लौट भी पाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/>बहुत गहरे भाव है...<BR/>हर ओर पीठ पीठ है "राजीव" भीड में<BR/>क्या साथ निभाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/>बहुत सुंदर!<BR/><BR/>शानूसुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-61399438455141060812007-06-26T11:54:00.000+05:302007-06-26T11:54:00.000+05:30"सागर न समाओगे कि कुछ टूट गया हैजीता ही जलाओगे कि ..."सागर न समाओगे कि कुछ टूट गया है<BR/>जीता ही जलाओगे कि कुछ टूट गया है.."<BR/><BR/>बहुत बढिया लिखा है राजीव जी<BR/><BR/>"हर ओर पीठ पीठ है "राजीव" भीड में<BR/>क्या साथ निभाओगे कि कुछ टूट गया है.."<BR/><BR/>सुस्पष्ट , प्रभावी बिम्ब<BR/>सुन्दर<BR/><BR/>सस्नेह<BR/>गौरव शुक्लGaurav Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12422162471969001645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-25682011473947330602007-06-26T11:43:00.000+05:302007-06-26T11:43:00.000+05:30बहूत खूब राजीव जीबहूत खूब राजीव जी36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-14412320165927566832007-06-26T11:19:00.000+05:302007-06-26T11:19:00.000+05:30सुन्दर है।जो टूटा फूटा है उसे संभाल लीजिये। :)सुन्दर है।<BR/>जो टूटा फूटा है उसे संभाल लीजिये। :)Vikashhttps://www.blogger.com/profile/01373877834398732074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-84627394467529022642007-06-25T22:42:00.000+05:302007-06-25T22:42:00.000+05:30खूबसूरत ख्याल हैखूबसूरत ख्याल हैराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-72660764762854146932007-06-25T20:43:00.000+05:302007-06-25T20:43:00.000+05:30हर ओर पीठ पीठ है "राजीव" भीड मेंक्या साथ निभाओगे क...हर ओर पीठ पीठ है "राजीव" भीड में<BR/>क्या साथ निभाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/>बहुत अच्छेSatyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-37624905.post-7715608705839124652007-06-25T19:53:00.000+05:302007-06-25T19:53:00.000+05:30चेहरे पे नया चेहरा लिये मिल जो गया वोक्या हाँथ मिल...चेहरे पे नया चेहरा लिये मिल जो गया वो<BR/>क्या हाँथ मिलाओगे कि कुछ टूट गया है..<BR/><BR/><BR/>--बहुत खूब!!<BR/><BR/>तस्वीर कहीं देखी लग रही है. किसी बड़े फोटोग्राफर ने ली है लगता है. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com